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अंध विश्वास मत करो ……!

About My Thinking
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दोस्तों अंधविश्वास मत करो । बाबा कोई भी हो पहले आप उसे समझो । दोस्तों दुनिया में भगवान सिर्फ एक है । ये बात आप भी जानते हो और हम भी जानते है । फिर क्यों हर किसी को भगवान बनाते रहते हो । आपको पता होना चाहिए क़ि भगवान के रहस्य कोई नहीं जान सकता । चाहे कोई बाबा हो या तांत्रिक । जो भी प्राकृत के नियमो के खिलाफ काम करता है । उसका सर्वनाश होता है । अगर आप कर्म नहीं करोगे तो आपको भोजन नहीं मिलेगा फिर चाहे आप किसी बाबा के भक्त क्यों न हो ? आपको भोजन तभी मिलेगा जब आपके घर में पकेगा । इसका ये मतलब नहीं है क़ि मैं नास्तिक हूँ । मैं सिर्फ एक भगवान को मानता हूँ । वो सिर्फ एक है । वो न कभी जन्म लेता है और न कभी मरता है । वो सदा बिना रुके बिना थके अपना कम करता रहता है । वो हर छण हर कण में विराजमान है । उसे किसी की जरुरत नहीं पड़ती । वो अपना काम खुद करता है । दोस्तों रुपया इन्सान ने बनाया है । हर देश की अपनी एक करेंसी है । लेकिन भगवान को रुपयों की क्या जरुरत पड़ गयी । भगवान को तो रुपयों के बारे में पता भी नहीं होना चाहिए । क्योकि वो भगवान ने नहीं बनाया है । भगवान किसी पर कोई कृपा नहीं करता वो सिर्फ कर्मो के अनुसार सिर्फ फल देता है । जैसा करोगे वैसा ही भरोगे । भगवान कभी अपनी कृपा के लिए अनुदान या पैसे नहीं लेते । आप मंदिर में जाते हो वहां दान पत्र रखा होता है । अगर आप कुछ दान करते हो तो भगवान के पास नहीं जाता है । वो सिर्फ इसलिए होता है । क़ि मंदिर के पुजारी या वहां रहने वाले साधू संत या अन्य महापुरुषों को भोजन उपलब्ध हो सके और बचे हुए रुपयों से जनता के हितो के काम हो सकें । लेकिन आज कल ऐसा होता नहीं है । एक बात और याद रखें अगर आप दान करते हो और जो उसे प्रयोग करता है वो अगर शारीरिक रूप से सही है तो पाप का भागीदार होता है । दान सिर्फ असहाय लोगो के लिए होता है । जो खुद कुछ नहीं कर सकता है । अगर वो उसे प्रयोग करता है । तो वो पाप का भागीदार नहीं होता है । दोस्तों हमारे लिए सबसे बड़ा आश्रम होता है , ग्रस्थ आश्रम । जो इस आश्रम में रहकर भगबान का भजन करता है । उसका बेडा पार हो जाता है । दोस्तों भजन को समझना बहुत जरुरी है ।

भजन या पूजन ये बहुत बड़े शव्द है । दोस्तों तपस्या कर्म की होती है । कर्म से बड़ी कोई तपस्या नहीं होती है । भजन से मतलब होता है । हर वक्त भगवान को भजते रहना । हर वक्त भगवान को भजने से मतलब है । सिर्फ अपने अन्तःकरण में भगवान का वास कर लेना । जब भगवान आपके अन्तःकरण में वस जाते है । तो बुरे कर्म होने बंद हो जाते है । और जब बुरे कर्म बंद हो जाते है । तो वो आपकी सच्ची तपस्या होती है । और उसका परिणाम आपको अवश्य मिलता है । भगवान कभी कुछ नहीं कहते वो सिर्फ इतना कहते है । जैसा करोगे वैसा भरोगे ।

अब बात आती है बाबा लोगो की जो लोग अच्छे और बुरे की पहचान नहीं कर सकते उन्हें इनकी सरण में जाने से अच्छे और बुरे की पहचान होती है । जब तक आपको ये पता नहीं होगा क़ि सही क्या है और गलत क्या है ? आप कर नहीं सकते । दुनिया का एक अटल सत्य है । कोई व्यक्ति कभी गलत नहीं करता । अगर उसे पता लग जाए क़ि ये गलत है तो वो कभी नहीं करेगा । प्रत्येक व्यक्ति अपनी नजरो में अच्छा ही करने की सोचता है । लेकिन अच्छे और बुरे की पहचान न होने के कारण गलती हो जाती है।

दोस्तों मेरा इस ब्लॉग को पोस्ट करने का सिर्फ एक ही मतलब है की लोगो तक सच्चाई पहुचना । वैसे तो दोस्तों सभी को सब कुछ पता है । लेकिन वो कहते है न क़ि घर की मुर्गी दाल बराबर बस वही है । पता आपको भी है लेकिन खुद पर यकीं नहीं है । और चमत्कार के लिए भागते रहते है । चमत्कार कभी नहीं होता है । ये आप भी जानते हो और हम भी । बस मानते नहीं है । दोस्तों आज मैं निर्मल बाबा का फ्रोड का केश देख रहा था । दोस्तों एक चीज नहीं समझ में आती जब बाबा की फीस इतनी है तो आम आदमी तो जा नहीं सकता क्योकि उसके पास इतना पैसा नहीं होता है । लेकिन अगर कोई उनके पास जाता है तो वो सिर्फ अमीर तबका ही जाता है । दोस्तों कुछ करने से पहले सोचे क़ि सही क्या है । अपन ख्याल रखें ।

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