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२०१४ में कांग्रेस की हालत देखने लायक होगी |

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२०१४ में कांग्रेस की हालत देखने लायक होगी | जैसा कि सभी जानते है ठीक दो साल बाद लोकसभा चुनाव है | लेकिन देश की हालत आज वैसी नहीं है जैसी २००९ में थी | आज हालत ठीक बिपरीत है | देश में काला धन और भ्रष्टाचार की चर्चा जोरो पर है लेकिन इन सब से आगे है महंगाई वो आम आदमी को खाए जा रही है | हाल ही में संम्पन्न हुए दिल्ली नगर पालिका चुनाव में ये बात साफ देखी जा सकती थी कि यहाँ भी लोकल मुद्दे से ज्यादा रास्ट्रीय मुद्दा जोकि महंगाई , काला धन और भ्रष्टाचार हावी रहा | आप देख सकते हा कि आज देश में कांग्रेश विरोधी लहर चल रही है | पहले मुम्बई महा पालिका उसके बाद उत्तर प्रदेश में जो हाल हुआ गोवा में भी कांग्रेस ने सत्ता गवा दी | पंजाब में भी वापस नहीं आ पाए | उत्तराखंड में जैसे तैसे सरकार बनी | सबसे बड़ी हार जो मिल वो इन्हें उत्तर प्रदेश में अमेठी और रायबरेली जो सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी का संसदीय क्षेत्र है | वहां से पत्ता साफ़ हो जाना | उसके बाद पूर्वी दिल्ली जहाँ से कांग्रेस के बड़े बड़े नेता आते हैं | लेकिन कांग्रेस को शायद अभी भी कुछ दिखाई नहीं दे रहा है | जब भी कोई चुनाव होता है | तो सभी टी.बी. चेनलों पर कांग्रेस के नेता सीना तान कर कहते है कि इस बार हम सरकार बनायेंगे | लेकिन जब रिजल्ट आता है तो सिर्फ राशिद अलबी जी का बयान आता है कि जनता के फैसले का हम स्वागत करते है | देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी का आज भबिश्य खतरे में नज़र आता है | कुछ समय बाद अन्ना और रामदेव जी साथ साथ अनशन कर रहें है | पिछली बार जब रामदेव जी अकेले आये थे तो सरकार का क्या हाल हुआ था | वो आपसे और हमसे किसी से छुपा नहीं है | वो सब किसने कराया और क्यों कराया हम सभी जानते है | अब इस टाइम कांग्रेसके लिए दोनों तरफ मुश्किल ही है अगर ये अन्ना जी की बात मान लेते है तो भी फएंगे और नहीं मानते है तो भी फसेंगे | मान लो इन दोनों से बच भी जाते है तो क्या जनता इन्हें माफ़ करेगी जो मंहगाई की मार में मरी जा रही है | कांग्रेस को जल्दी से कुछ कदा कदम उठाना होगा | लेकिन मुझे नहीं लगता वो ऐसा कर पाएंगे |
लेकिन देश की हालत २०१४ में और ज्यादा ख़राब हो सकती है | अगर भाजपा कोई सही नेता नहीं चुनती है | अगर ऐसा नहीं होता है तो भाजपा की हालत और ज्यादा पतली हो जाएगी ऐसे में देश की राजनीति का क्या होगा | यहाँ पर आप किसी तीसरे मोर्चे को नकार नहीं सकते | उसकी कई वज़ह है ये बात आप और हम सभी जानते है कि इस बार कांग्रेस की सीट कम ही होंगी | भाजपा उतने में ही सिमटेगी जितने में है अगर कोई नेता नहीं चुनती है तब | भाजपा और कांग्रेस दोनों अपने अपने सहयोगी डालो पर आश्रित हो जायेंगे | इसका मतलब है की क्षेत्रीय दल मजबूत होंगे | लोकसभा जब वो मज़बूत होंगे तो तीसरे मोर्चे के लिए मना नहीं किया जा सकता है |
दोस्तों मै आप सभी से अनुरोध करता हूँ कि अपना अमूल्य मत बड़ी सोच समझ के और सिर्फ विकास के नाम पर ही देना | नहीं तो ये सफ़ेद कपडे वाले हम और आप को जातिबाद और मज़हब में बाँट कर अपना भला कर लेंगे | और पाँच साल तक पैट्रोल के दाम बढाएंगे |

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